मारकेश अर्थात-मरणतुल्य कष्ट या मृत्यु देने वाला वह ग्रह जिसे आपकी जन्मकुंडली में ‘मारक’ होने का अधिकार प्राप्त हैं। अलग-अलग लग्न के ‘मारक’ अधिपति भी अलग-अलग होते हैं। <br />मारकेश की दशा में व्यक्ति को सावधान रहना जरूरी होता है क्योंकि इस समय जातक को अनेक प्रकार की मानसिक, शारीरिक परेशनियां हो सकती हैं. इस दशा समय में दुर्घटना, बीमारी, तनाव, अपयश जैसी दिक्कतें परेशान कर सकती हैं. जातक के जीवन में मारक ग्रहों की दशा, अंतर्दशा या प्रत्यत्तर दशा आती ही हैं. लेकिन इससे डरने की आवश्यकता नहीं बल्कि स्वयं पर नियंत्रण व सहनशक्ति तथा ध्यान से कार्य को करते रहना चाहिए और साथ ही साथ मारकेश ग्रह के शांत होने के उपाय भी करने चाहिए|<br />Markesh ya marak grah ko kaise pahchane, Markesh grah ko shant karne ke upay yadi samay par nahi kiye jaye to isake parinam bahot khatarnak sabit ho sakte hai.Markesh dasha vayakti o sawdhan rahne ki aavasyakta hoti hai, is samay me jatak ko anek prakar jaise mansik tanav, sharirik bimari, durghatna,apyash jaisi pareshani ho sakti hai atah samay rahate isaka upay kar lena chahiye.<br />मारकेश या मारक ग्रह को कैसे पहचाने<br />मारकेश या मारक ग्रह से कैसे बचे <br />मारकेश ग्रह को कैसे पहचाने<br />मारक ग्रह को कैसे पहचाने<br />मारकेश या मारक ग्रह से बचने के उपाय<br />मारकेश के शांति के उपाय <br />मारकेश के निवारण के उपाय <br />मारकेश के बुरे प्रभाव से कैसे बचे <br />मारकेश के लक्षण और प्रभाव <br />Markesh ya marak grah ko kaise pahchane<br />Markesh grah ko kaise pahchane<br />Marak grah ko kaise pahchane<br />Markesh ke shanti ke upay<br />Markesh ke nivaran ke upay <br />Markesh ke prabhav se kaise bache <br />Markesh ke lakshan aur prabhav